स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं के लिए काल टू एक्शन का आवाहन

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RMNCH+Aऔर पोषण पर संगोष्टी- स्वास्थ्य, पोषण, सबको सम्मान, उत्तर प्रदेश का अभिमान

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लखनऊ। अक्टूबर 23, 2018 को लखनऊ के होटल हयात में RMNCH+A और पोषण से सम्बंधित मुद्दों पर आयोजितसंगोष्टी के अवसर पर महिला कल्याण मंत्री, परिवार कल्याण मंत्री, मातृ और बाल कल्याण और पर्यटन, उत्तर प्रदेश सरकार, प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी नेउपस्थितप्रतिभागियों से उत्तरप्रदेश में मातृ और बच्चों  की मृत्यु को रोकने के लिए निम्न मुद्दों पर प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने काआवाहन किया;

  • हर किसी के लिए, विशेषकर गरीब और कमजोर वर्गों के लिए गुणवत्तापरक मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना
  • मानव संसाधन के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार
  • आवश्यक वस्तुओं एवं संसाधनों की आपूर्ति और समुदाय द्वारा सेवाओं की ग्राहता

इस संगोष्ठी में स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन विचार विमर्श हुआ | बैठक में आकांक्षी जनपद सिद्धार्थनगर से आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने स्वास्थ्य व पोषण के लिए जनपद किये गये कार्यों पर विस्तृत चर्चा कर,  आंकड़ों में हुई बढ़ोतरी के विषय पर जानकारी दी |   संगोष्टी में खीरी सांसद अजय मिश्र ने जप्रतिनिधियों की उपरोक्त विषय पर भागीदारी पर विचार व सुझाव साझा किये उपरोक्त मुद्दों के समर्थन मेंमहिला आयोग की मुखिया विमला बाथम, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में कार्य कर रहे ग़ैर सरकारी संगठनो के प्रतिनिधियों एवं जनप्रतिनिधियों , ग्राम प्रधानों, धार्मिक गुरुओं ने हस्ताक्षर करकेअपनीसहमति व्यक्त की और इसके  लिए हर स्तर से प्रयास करने का संकल्प लिया।

उक्त संगोष्टी का आयोजन, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज़ (जीएचएस)संस्था द्वारा किया गया जोकि एक एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है और विगत चार वषों से राज्य स्तर पर RMNCH+A और पोषण से सम्बंधित जानकारी जनप्रतिनिधियों, प्रभावशाली व्यक्तियों और मीडिया के माध्यम से समुदाय खासकर गाँव स्तर की आबादी को जागरूक करने में सहयोग प्रदान कर रही है। संगोष्ठी में स्वाति सिंह, राज्य मंत्री, महिला कल्याण मंत्रालय, परिवार कल्याण, मातृ और बाल कल्याण के साथ ही पंचायती राज, स्वास्थ्य और महिला कल्याण, परिवार कल्याण, बाल विकास एवं पुष्ठाहार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज़ की कार्यकारी उपाध्यक्षअंजली नय्यर, निधि दुबेवरिष्ठ उपाध्यक्ष, अनुज घोषनिदेशक, वरिष्ठ पत्रकार पंकज पचौरी औरशरत प्रधान, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक पंकज कुमार, महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ. नीनागुप्ता, जयंत कृष्णा आदि  प्रमुख वक्ताओं में थे।

हम सब जानते हैं कि,उत्तर प्रदेश, बीस करोड़ से अधिक जनसंख्या होने की वजह से देश का सबसे बड़ी आबादी वाला प्रदेश है और यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांक पूरे देश के स्वास्थ्य परिणामोंपरसीधे प्रभाव डालते हैं | राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार पिछले दस वर्षों में मातृ, बच्चों और किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है | सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे, बुलेटिन2018के अनुसार वर्ष(2004-06)मेंउत्तर प्रदेश की मातृ मृत्यु अनुपात 440प्रति 1 लाख जीवित जन्म थी, जो वर्ष (2014-16) में घटकर 201 होगयी है | इसी प्रकार, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार, वर्ष(2005-06)मेंशिशुमृत्युदर73 प्रति 1 हज़ार जीवित जन्म थी, जो वर्ष (2014-16) में घटकर 64 होगयी है तथा 5 वर्ष के अन्दर आयु के बच्चों की मृत्यु दर इसीसमय अंतराल में 96 से घटकर78 हो गयी है |

उपरोक्त सकारात्मक स्वास्थ्य संकेतकों के बावजूद,उत्तर प्रदेश के अन्य स्वास्थ्य सूचकांकों को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश को स्वास्थ्य और सेवाओं के मार्ग पर अभी बहुत लम्बा सफ़र तय करना है क्योंकि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में प्रदेश में  15-49 साल की उम्र की सभी महिलाओं में से आधी एनीमिक हैं| लगभग 5 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों में से 46%बौने(stunted) और 18%बच्चे अपनी ऊँचाई के हिसाब से कम वज़न वाले (wasted) हैं |अभी भी  12-23 महीने के बीच के आधे बच्चों का पूर्ण टीकाकरण नहीं हो पाता है |

अगर हम सतत विकास लक्ष्यों(sustainable development goals) की बात करें तो सन 2030 तक राष्ट्रीय स्तर पर मातृ मृत्यु अनुपात 70 प्रति 1 लाख जीवित जन्म से कम होना चाहिए और 5 वर्ष के अन्दर आयु के बच्चों की मृत्यु दर कम से कम 25 प्रति 1 हज़ार जीवित जन्म पर होनी चाहिए | इसके अतिरिक्त, पोषण अभियान के तहत भी, सरकार, बच्चों, किशोर-किशोरियों और महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के लिए वार्षिक आधार परलक्ष्य रख रही है | जैसे कि; बौनेपन में 2%, कम वज़न वाले बच्चों में 2%, एनीमिया 3% औरजन्म के समय 2500ग्राम से कम वज़न वाले बच्चों में 2% की कमी | इसके साथ ही, वर्ष2022 तक 0-6 वर्ष के बच्चों के बीच बौनेपन का लक्ष्य 38.4% से घटाकर 25% रखा गया है |

उपरोक्तआंकड़ो के आधार पर, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य एवं पोषण से सम्बंधित चुनौतियाँ स्पष्ट हैं; गोष्टी में गंभीरता के साथ इन्हीं मुद्दों और उनके संभावित समाधानों पर परिचर्चा की गयी |

संगोष्टी के दो महत्वपूर्ण घटक थे; RMNCH+Aऔर पोषण एवं वर्ष 2030 तक कुपोषण को पूर्ण रूप से समाप्त करने केविषय पर विशेषज्ञों द्वारा सघन विचार विमर्श और इनसे जुड़े मुद्दों के समाधान पर लिए गए निर्णय | इसमेंविशेषज्ञों को दो पैनल में विभाजित कर दिया गया था | इसमहत्वपूर्णपरिचर्चा के दौरान, नीति निर्माताओं, जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने RMNCH+A और पोषण से सम्बंधित कार्यक्रमों के प्रभावशाली किर्यान्वयन के मार्ग पर उपस्थितचुनौतियों और उनसेसम्बंधित समाधानों पर गहन विचार-विमर्श किया | इसके पश्चात, एक अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु निकल कर आया कि स्वास्थ्य के तंत्र को और अधिक सुदृढ़ करके, साथ ही सामजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से उपरोक्त समस्याओं का निवारण किया जा सकता है |इसके साथ ही, विशेषज्ञों ने वर्ष2030 तक कुपोषण को किस प्रकार पूरी तरह समाप्त किया जाये, उन रणनीतियों पर प्रकाश डाला | संगोष्ठी में विशेष रूप से, उत्तर प्रदेश के 8 आकांक्षी(aspirational)जनपदोंमेंस्वास्थ्य और पोषण में सुधार से सम्बंधित रणनीतियों, अंतर-विभागीय समन्वय और इस मुद्दे पर चर्चा की गयी कि निर्वाचित प्रतिनिधि, किस प्रकार अपने क्षेत्र में सामुदायिक सहभागिता, आवंटित बजट का सदुपयोग और स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़े मुद्दों को नीति निर्णायकों तक कैसे पहुंचाएंगे |

संगोष्ठीमेंग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज़ (जीएचएस)द्वाराप्रस्तुत किये गए प्रस्तुतीकरण द्वारा बताया गया कि उनकी संस्था द्वारा पिछले दो वर्षों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार RMNCH+A और पोषण सम्बन्धी कार्यक्रमों में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के पांच चयनितजनपदों, खीरी, इलाहाबाद, पीलीभीत, कन्नौज और झाँसी के एक-एक ब्लॉक में कम्यूनिटी इंगेजमेंट एण्ड लीडरशिप डेवलपमेन्ट (सीईएलडी) कार्यक्रम  संचालित किया जा रहा है ।

इसी क्रम में, इस अवसर पर, इन जनपदों की चयनित पंचायतों में स्वास्थ्य और पोषण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने वाले, दसग्राम प्रधान (जिसमें तीन महिला ग्राम प्रधान थीं)और दो धर्मगुरुओं को, प्रोफेसर जोशीऔर वहाँ के स्थानीय विधायकों द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया |संगोष्ठी उपस्थित राज्य मंत्री, महिला कल्याण मंत्रालय, परिवार कल्याण, मातृ और बाल कल्याण, स्वाति सिंह नेकहा कि स्वास्थ्य और पोषण को बेहतर बनाने हेतु सरकार के सभी विभागों को एक साथ मिलकर प्रयास करना पड़ेगा ताकि हर महिला और बच्चे तक स्वास्थ्य सम्बंधित योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा सके| साथ ही महिलाओं को महिलाओं के लिए आगे आकर कार्य करना पड़ेगा|संगोष्टी में स्वास्थ्य एवं पोषण से सम्बंधित उन सारे ज्वलंत मुद्दों पर बात-चीत हुए जिसकी वर्तमान परिवेश में आवश्यकता है | अंत में “स्वास्थ्य, पोषण, सबको सम्मान, उत्तर प्रदेश का अभिमान” की प्रतिबद्धता के साथ गोष्टी का समापन हुआ | अंत में ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज़ के उपाध्यक्ष हितेश महाजन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया |

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