नई दिल्ली। धरती पर डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों ने दस साल मासूम को नया जीवनदान दिया। करंट लगने के कारण दस साल के मासूम वीरेंद्र सिंह के हाथ काटने पडे। उसके हाथों में एक उंगली तक नहीं बची थी। सफदरजंग के बर्न एंड प्लास्टिक डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने वीरेंद्र के पैरे से दो उंगलियां निकालकर उसके दाए हाथ में लगाकर एक नई उम्मीद दी है। उंगलियां खो देने की वजह से वीरेंद्र पेन भी नहीं पकड पता था, लेकिन अब अब डॉक्टरों को उम्मीद है कि वे फिर से लिख पाएगा। नेपाल से ताल्लुक रखने वाला वीरेंद्र अपने परिवार के साथ दिल्ली के छतरपुर में रहता था। 2014 में वीरेंद्र को करंट लगने के कारण बुरी तरह जल गए थे।
अस्पताल में इलाज के दौरान इंफेक्शन होने के कारण वीरेंद्र के दोनों हाथ काटने पडे थे। डॉक्टरों के अनुसार वीरेंद्र का बायां हाथ पूरी तरह से कट गया था। वहीं दाएं हाथ में सिर्फ अंगूठे की हड्डी बची थी। सफदरजंग के प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर राकेश ने बताया कि इस सर्जरी में बडी चुनौती है।


















