लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार 50 साल से ज्यादा उम्र वाले कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा करने जा रही है. जिनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं हो होगा उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति होगी.
50 की उम्र पार कर चुके स्टाफ के कामकाज की समीक्षा करने को कहा गया
मुख्य सचिव राजीव कुमार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों और सचिवों से 50 की उम्र पार कर चुके स्टाफ के कामकाज की समीक्षा करने को कहा गया है. ऐसे कर्मचारियों की 31 जुलाई तक लिस्ट तैयार करने को भी कहा गया है. वित्तिय हस्तपुस्तिका के नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि नियुक्ति प्राधिकारी किसी भी समय सरकारी सेवक को, चाहे वह स्थायी हो या अस्थायी, नोटिस देकर बिना कारण बताये पचास साल की उम्र होने पर अनिवार्य रिटायरमेंट कर सकता है.
पचास साल की उम्र तय करने की समयसीमा 31 मार्च 2017 रखी गई है
निर्देश में कहा गया कि इस संबंध में समय समय पर निर्देश जारी किये गये हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि 31 जुलाई तक अनिवार्य रिटायरमेंट वाले कर्मचारियों के कामकाज और प्रदर्शन की समीक्षा की जानी चाहिए. पचास साल की उम्र तय करने की समयसीमा 31 मार्च 2017 रखी गई है. एक वरिष्ठ सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि ये कोई नया आदेश नहीं है क्योंकि 50 साल की उम्र पार कर चुके कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा करने का प्रावधान पहले से है.
कुछ विभाग नहीं कर रहे थे समीक्षा
उन्होंने कहा कि कुछ विभाग समीक्षा कार्य नियमित आधार पर नहीं कर रहे हैं. नया आदेश यही सुनिश्चित करने के मकसद से जारी किया गया है. विभागीय प्रमुखों से उन कर्मचारियों की सूची कार्मिक विभाग को सौंपने के लिए कहा गया है, जिन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट दी जानी है.
बीजेपी ने चुनाव से पहले स्वच्छ एवं प्रभावी प्रशासन देने का वादा किया था
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने स्वच्छ एवं प्रभावी प्रशासन एवं बेहतर कानून व्यवस्था का वायदा चुनाव से पहले किया था. विधानसभा चुनावों में भाजपा को जबर्दस्त विजय हासिल हुई. सरकार के कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो चुके हैं और मुख्यमंत्री ने अपना रिपोर्ट कार्ड भी जारी किया है.