जवानों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाना चाहते थे जनरल रावत

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जवानों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के लिए रावत के अक्टूबर 2020 के प्रस्ताव का हवाला देते हुए कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि वह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के दृष्टिकोण का अपमान क्यों कर रही है।

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केंद्र की नई सेना भर्ती योजना अग्निपथ को लेकर कांग्रेस पार्टी ने फिर से मोदी सरकार पर हमला बोला है। इस बार कांग्रेस ने दिवंगत पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हवाला देते हुए कहा है कि उन्होंने सेना के जवानों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। जवानों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के लिए रावत के अक्टूबर 2020 के प्रस्ताव का हवाला देते हुए कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि वह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के दृष्टिकोण का अपमान क्यों कर रही है।

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने जनरल रावत के हवाले से कहा कि उनके प्रस्ताव में जवानों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष करने की मांग की गई थी। अजय माकन ने दावा किया कि पूर्व मुख्य रक्षा प्रमुख दिवंगत विपिन रावत ने हेलीकॉप्टर हादसे में अपनी मृत्यु से कुछ महीने पहले यह प्रस्ताव दिया था कि सैनिकों के सेवानिवृत्त होने की आयु 58 वर्ष की जाए, जो फिलहाल 17 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं। माकन ने आरोप लगाया कि यह योजना जनरल बिपिन रावत की सोच के विरुद्ध है और उनके अपमान की दास्तान है।

उन्होंने पूछा, “जब जनरल रावत सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाना चाहते थे, तो क्या सेना प्रमुख उनके दृष्टिकोण के खिलाफ जा रहे हैं। क्या सरकार ने जनरल रावत के प्रस्ताव का पालन करने की कोशिश की है? वह चाहते थे कि जवान 58 साल तक सेवा करें और अब सरकार उन्हें चार साल बाद ही सेवानिवृत्त करना चाहती है। शर्मनाक।” उन्होंने कहा, ”कम से कम सीडीएस, उनके विचारों का अपमान तो मत कीजिए।” कांग्रेस ने बिना परामर्श के बड़े फैसलों को लागू करने के लिए भी सरकार पर निशाना साधा।

माकन से जब कुछ भाजपा नेताओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “एसी कमरों में बैठे नौकरशाहों ने योजना का मसौदा तैयार किया और राजनीतिक नेताओं से इसका बचाव करने को कहा गया।” माकन ने कहा, ‘मैं इन नेताओं को दोष नहीं देता। इस योजना को तैयार करने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। एसी कमरों में बैठे कुछ नौकरशाहों ने मसौदा तैयार किया और राजनेताओं से इस योजना का बचाव करने को कहा। तथ्य यह है कि लोकतंत्र में सबसे महत्वपूर्ण इनपुट लोगों और उनके चुने हुए सांसदों का होता है लेकिन न तो सांसदों से सलाह ली गई और न ही संसद की।”

कांग्रेस ने आज दोनों मुद्दों को लेकर जंतर-मंतर पर ‘सत्याग्रह’ किया जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल इन्हीं दो मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेगा।

 

 

 

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