प्रवासी मजदूर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रवासी मजदूरों से बस और रेल का किराया नहीं लिया जाएगा साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रेल में यात्रा करने वाले मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था की जाए, रेलवे प्रवासी मजदूरों की खाने की व्यवस्था करे बसों से सफ र करने वाले मजदूरों के लिए भी खाने-पीने की व्यवस्था की जाए।
प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों के बीच चल रही रस्साकसी पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा है कि प्रवासी श्रमिकों से ट्रेन या बस का कोई किराया नहीं लिया जाएगा। विभिन्न स्थानों पर फं से हुए सभी प्रवासी कामगारों को संबंधित राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा उन स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जाएगा, जिन्हें प्रचारित किया जाएगा और उन्हें उस अवधि के लिए सूचित किया जाएगा जिस अवधि में उन्हें ट्रेन या बस के जरिये अपने गंतव्य तक जाना है। मूल राज्य स्टेशन पर भोजन और पानी प्रदान करेगा और यात्रा के दौरान, प्रवासी श्रमिकों को भोजन और पानी प्रदान करने के लिए रेलवे ट्रेन यात्रा में मूल राज्य भोजन और पानी प्रदान करेंगे, भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए रेलवे बसों में भोजन और पानी भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केंद्र सरकार पर बिल्कुल नहीं हैं, हम राज्य सरकारों को निर्देश जारी कर रहे हैं, हम आगे निर्देश देते हैं कि उन प्रवासी श्रमिकों को सड़कों पर चलते हुए पाया गया, उन्हें तुरंत शरण में लिया गया और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया गया और उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।
अब तक 91 लाख प्रवासी मजदूर शि ट
सुप्रीम कोर्ट की ओर से लिए गए स्वत: संज्ञान में लिए गये प्रवासी मजदूरों के मामले में सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एक मई से लेकर 27 मई तक कुल 91 लाख प्रवासी मजदूर शि ट किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टिकट के पेमेंट के बारे में कं यूजन है और इसी कारण मिडिल मैन ने पूरी तरह से शोषण किया हैण् सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के सबसे पहले उनकी जेब में पैसे होने चाहिए।
केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार मजदूरों के लिए काम कर रही है लेकिन राज्य सरकारों के जरिये उनतक नहीं पहुंच रही हैए कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैण् सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार ने तय किया है कि प्रवासी मजदूरों को शि ट किया जाएगाए सरकार तब तक प्रयास जारी रखेगी जब तक एक भी प्रवासी रह जाते हैं तब तक ट्रेन चलती रहेंगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी 3700 ट्रेनें प्रवासी मजदूरों के लिए चला रखी हैंए अभी तक 50 लाख प्रवासी मजदूर अपने गांव जा चुके हैं, तुषार मेहता ने कहा कि पड़ोसी राज्यों के सहयोग से 40 लाख को सड़क से शि ट किया गया है।